आंदोलन स्वाधीनता और सुभद्रा कुमारी चौहान : एक विचार

PAPER ID: IJIM/Vol. 9 (IX) /January/18-22/4

AUTHOR: सुमित रंगा

TITLE : आंदोलन स्वाधीनता और सुभद्रा कुमारी चौहान : एक विचार

ABSTRACT: स्वाधीनता आंदोलन भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ हुआ एक व्यापक और लंबा संघर्ष था जिसमें भारतीयों ने अपनी स्वतंत्रता और आत्म निर्णय के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी।

स्वाधीनता शब्द ‘स्वाधीन’शब्द में ‘ता’ प्रत्यय जुड़ने से बना है। ‘स्वाधीन’ शब्द स्व +अधीन से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है अपने अधीन होना अर्थात अपने निर्णय स्वयं लेने की क्षमता होना। यह निर्णय किसी भी व्यक्ति, समाज अथवा देश द्वारा अपनी प्रतिष्ठा, प्रगति अथवा संप्रभुता के लिए,लिए जा सकते हैं।

यह आंदोलन 19वीं शताब्दी के मध्य में शुरू हुआ और 15 अगस्त 1947 को भारत की स्वतंत्रता के साथ समाप्त हुआ इस आंदोलन में कई महत्वपूर्ण या अहम घटनाएं ,आंदोलन और व्यक्तित्वों का योगदान रहा जिनमें से एक प्रमुख नाम है: सुभद्रा कुमारी चौहान।

KEYWORDS: स्वतंत्रता आंदोलन,1857 की क्रान्ति, अंग्रेजों की दमनकारी नीति।

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