PAPER ID: IJIM/Vol. 9 (III) July 2024/27-31/4
AUTHOR: दीक्षा ( Diksha )
TITLE: आधुनिक सन्दर्भों के परिप्रेक्ष्य में रामचरितमानस (Aadhunik sandhrbho ke pripekshey mai ramcharitmanas)
ABSTRACT: तुलसीदास का नाम हिंदी साहित्य में गर्व से लिया जाता है। उन्होंने अपनी महान रचना ‘रामचरितमानस’ में भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को प्रस्तुत किया है। हिंदी के अनेक विद्वानों ने तुलसीदास पर कई विचार और विश्लेषण प्रस्तुत किए हैं। ‘रामचरितमानस’ हिंदू धर्म, संस्कृति और आचरण का मानक बन गया है। इसे लोकभाषा में लिखा गया, जिससे यह व्यापक रूप से लोकप्रिय हुआ। तुलसीदास ने राम को आदर्श पुत्र, भाई, पति, मित्र और राजा के रूप में चित्रित किया है। उन्होंने समाज की रक्षा और लोकधर्म की सुरक्षा के लिए अपनी अलौकिक शक्ति का प्रयोग किया।
KEYWORDS: तुलसीदास , रामचरितमानस, भारतीय संस्कृत, हिंदी साहित्य, आदर्श नैतिकता, लोकधर्म