PAPER ID: IJIM/Vol. 8 (IV) August 2023/77-80/11
AUTHOR: डॉ. तारा देवी (Dr. Tara Devi)
TITLE: पर्यावरण के लिए वरदान- कोरोना महामारी (Prayavarn ke liye vardan-corona mahamari)
ABSTRACT: पर्यावरण शब्द ‘परि’ उपसर्ग के साथ ‘आवरण’ शब्द के संयोग से बना है। ‘परि’ का अर्थ है- चारों ओर या इर्द-गिर्द की परिधि। ‘आवरण’ का अर्थ है- आच्छादन, किसी वस्तु पर लपेटा गया वस्त्र तथा घेरा आदि। मानव हो या अन्य जीव-जन्तु सभी पर्यावरण की ही उपज हैं। उनकी व्युत्पत्ति, विकास यहां तक कि वर्तमान स्वरूप ही नहीं, बल्कि भावी अस्तित्व भी निर्धारित करना पर्यावरण की परिस्थिति पर ही निर्भर रहता है। क्योंकि पर्यावरण से अभिप्राय उस वातावरण से है, जिसमें समस्त जगत विचरण करता है। पर्यावरणविद् मानते हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण ने पूरी दुनिया को ठहरा दिया। कोरोना हमारी जीवनशैली का परिणाम है। हमने जैव विविधता को मिटाने के क्रम में खाद्य-अखाद्य का फर्क मिटा दिया। इतिहास गवाह है कि अतीत में जब-जब इस प्रकार की भयानक महामारी आई है, तब-तब पर्यावरण ने सकारात्मक करवट ली है। सत्य है कि कोरोना संक्रमण काल प्रकृति के लिए ही नहीं, मानव के लिए भी क्षणिक राहत वाला है।
KEYWORDS: पर्यावरण, वरदान, कोरोना, महामारी
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