PAPER ID: IJIM/Vol. 8 (XI) March 2024/40-45 /6
AUTHOR: रविन्द्र कुमार[I] डॉ0 विकास आर्य[II] (Ravinder Kumar and Dr. Vikas Arya)
TITLE: पातञ्जल योगसूत्र में संक्षिप्त ‘यम’ मीमांसा
ABSTRACT: भारतीय अनुसंधान परंपरा का इतिहास प्राचीन है, और वेद ग्रंथों को ज्ञान के प्रमुख स्त्रोत के रूप में माना जाता है। यह परंपरा न केवल राष्ट्रीय गरिमा के लिए है, बल्कि समस्त सर्वहितकारी एवं सर्वकल्याणकारी अनुसंधान का स्रोत भी है। योगसूत्रा में योग को अनुशासन के रूप में परिभाषित किया गया है और अनुशासन को ही योग का तत्त्व माना गया है।
KEYWORDS:भारतीय अनुसंधान, परंपरा, वेद ग्रंथ, ज्ञान, योगसूत्र, अनुशासन, सर्वहितकारी, समाधि, न्यायदर्शन, अहिंसा, सत्य, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह।
Click here to Download full text
Download the Certificate of Author
Download the Certificate of Co-Author