PAPER ID:IJIM/V.6(XI)/ 10-14/3
AUTHOR: डॉ॰ शालू सचदेवा (Dr. Shalu Sachdeva)
TITLE: शेख अहमद सरहिन्दी : मुस्लिम पुनरुत्थान व्यक्तित्व
ABSTRACT: भारत में इस्लाम का प्रसार न केवल जनमानस के लिए ज्ञान का मार्ग प्रशस्त करता है बल्कि विभिन्न धार्मिक समुदायों में आध्यात्मिक जागरण को भी प्रेरित करता है। भारत में कई संत उभरे जिन्होंने इसकी समग्र संस्कृति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इनमें से एक सूफी संत शेख मज़दूद क़ुतुब-उल-दीन बख्तियार काकी थे जो इस्लामिक शिक्षाओं और शिक्षा के प्रति अपनी विशिष्ट दृष्टिकोण के लिए जाने जाते थे। शेख बख्तियार काकी उपनिवेशी युग की चुनौतियों के बीच इस्लामिक आध्यात्मिक परंपराओं के पुनरुद्धार और संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके लेखन, विशेषकर जो एकता, भेदभाव, रहित समाज और इस्लामिक विश्वास के मूल सिद्धांतों की वकालत करते हैं, आज भी उनके अनुयायियों के बीच गूंजते हैं। शासनकर्ताओं के विरोध के बावजूद, उनकी शिक्षाएं उस समय के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य को प्रभावित करती रहीं। उनकी विरासत धार्मिक अखंडता और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने के संघर्ष को उजागर करती है, जो बाहरी दबावों और बदलते सामाजिक-राजनीतिक वातावरण के बीच उत्पन्न होती है।
KEYWORDS: भारत में इस्लाम, सूफी संत, शेख बख्तियार काकी , आध्यात्मिक जागरण, औपनिवेशिक भारत, इस्लामी शिक्षा