PAPER ID:IJIM/V.2(VI)/260-266 /40
AUTHOR :डॉ. गीता सिंह and अंजू रानी (Geeta Singh and Anju Rani)
TITLE: सिख धर्म के मुख्य ग्रंथ (Sikh Dharm Ke Mukhye Granth)
ABSTRACT:सिख धर्म को सिखमत और सिखी भी कहा जाता है। सिख धर्म एक एकेश्वरवादी धर्म है। सिख धर्म के अनुयायियों को सिख कहते हैं। इसे कभी-कभी सिक्ख भी लिखा जाता है। हिन्दू धर्म की रक्षा में तथा भारत की आजादी की लड़ाई में और भारत की आर्थिक प्रगति में सिखों का बहुत बड़ा योगदान है। सिखों का मुख्य धार्मिक ग्रन्थ श्री गुरु ग्रंथ साहिब है। आमतौर पर सिखों के 10 सतगुर माने जाते हैं, लेकिन सिखों के धार्मिक ग्रंथ में 6 गुरुओं सहित 30 भगतों की बानी है, जिनकी समान शिक्षाओं को सिख मार्ग पर चलने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके अलावा भी कई गुरूओं और उनके अनुयायियों द्वारा पुस्तकंे व रचनाएं लिखने के प्रमाण मिले हैं। इन सबमें गुरुओं के दिखाए मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी गई है।
KEYWORDS:सिखमत, सिखी, सतगुर, गुरमत, पोथी, समाणी, चिन्तनपरक, संगृहित, अकर्मण्यता, निश्चेष्टता, लिपिबद्ध, शयनवेला, नितनेम, उदात्तकारी, ं उदर्वोमुखी, कपकहना