(उत्तर भारत से प्रकाशित तीन हिंदी दैनिकों पर एक अध्ययन)
PAPER ID: IJIM/Vol. 8 (IV) August 2023/47-61/8
AUTHOR:सरबजीत सिंह [1] , प्रो.(डा.) मनोज दयाल[2]
TITLE: सामाजिक समस्याओं से सम्बंधित समाचारों एवं विभिन्न प्रकार के समाचारों का तुलनात्मक अध्ययन एवं उनकी गुणवता पर बाजारीकरण के प्रभाव (उत्तर भारत से प्रकाशित तीन हिंदी दैनिकों पर एक अध्ययन) (Samajik samsayao se submedhit Samacharon avium vibhine parker kea Samacharon ka tulnatmak adhayan avium unki gunvta pr bajarikarn ke parbhav )
ABSTRACT: प्रस्तुत शोध पत्र में यह जानने की कोशिश की गई है कि भारत में प्रकाशित होने वाले हिंदी दैनिक समाचार पत्र अपने मुख्य संस्करण में भारतीय समाज में व्याप्त समस्याओं से सम्बंधित समाचारों को अहमियत देते हैं या नहीं अगर देते हैं तो कितनी,कैसी तथा कहां अहमियत देते है।भारत में,जात-पात, गरीबी, अनपढ़ता,बेरोजगारी,धार्मिक विविधता,क्षेत्रवाद, महिला भेदभाव तथा कृषि क्षेत्र की दयनीय स्थिति आदि यहां की सामाजिक समस्याएं है। प्रस्तुत शोध पत्र में सामाजिक समस्या सम्बंधित समाचारों एवं विभिन्न प्रकार के समाचारों का तुलनात्मक अध्ययन एवं बाजारीकरण का उनकी गुणवता पर प्रभाव को जानने का प्रयत्न किया गया है।इस वर्णानात्मक शोध में हिंदी दैनिक समाचार पत्रांे (पंजाब केसरी,दैनिक जागरण तथा दैनिक भास्कर)के मुख्य संस्करणों का अवलोकन कर तथ्य एकत्रित किए गए हैं।सर्वेक्षण के माध्यम से हिंदी समाचार पत्रों के पाठकों,पत्रकारों,उप-संपादकों तथा संपादकों का साक्षात्कार कर आंकड़े एकत्रित कर तथ्यों को जानने का प्रयास किया गया है।इस शोध से प्राप्त परिणामों से यह तथ्य सामने आएं हैं कि भारत मंे हिंदी दैनिक पत्र अपने मुख्य संस्करण में सामाजिक समस्या सम्बंधी समाचारों को कोई खास तव्जो नहीं देते यह समाचार बहुत कम संख्या तथा छोटे आकार में छापे जाते हैं जिससे उनकी गुणवता का हृास होता है, बाजारीकरण इन समाचारों पर हावी रहता है जिस कारण इनके आकार,संख्या तथा रंगीन चित्र आदि गुण प्रभावित होते हैं।भारतीय हिंदी समाचार पत्र समूह सामाजिक समास्या सम्बंधी समाचारों को विज्ञापन तथा राजनीतिक समाचारों के बाद प्रकाशित ंकरना चाहते हैं।
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